Poem On Dreams In Hindi Poem On Dreams In Hindi by our guest writer Mrs. Hemangi Sharma. एक डिब्बी ख्वाब की मैने खोल दी है,अरमानों की तितली तिलमिला रही थी,चूपके से आ कर मेरे कंधे पर बैठ गई,आहिस्ता आहिस्ता उसे संवारने लगी तो हकीकत के पांव के पर फूटने लगे,यहां वहां मुझे दौडाने लगी,उस डिब्बी …